पार्थवी के स्कूल में समर कैम्प Summer Camp at Mukand Lal Public school Yamuna Nagar
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प्रदर्शनी का अवलोकन करते अभिभावक |
पार्थवी के स्कूल मुकन्द लाल पब्लिक स्कूल सरोजिनी कालोनी यमुनानगर में समर कैम्प (ग्रीष्मकालीन शिविर) का कल
समापन हुआ, कईं दिनों से चल रहे इस समर कैम्प में जिले भर से व बाहर के विभिन्न
विद्यालयों के बच्चे विभिन्न समूहों में भाग ले रहे थे। पार्थवी का भी ग्रीष्मकालीन शिविर में भाग लेने का यह तीसरा वर्ष था, वह काफी उत्साहित रहती है कि इस समर कैम्प में भाग ले सके।
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प्रदर्शनी में कैम्पर्स के बनाये क्राफ्ट का प्रदर्शन |
इस विद्यालय के समर कैम्प की काफी धूम रहती है और यहाँ विभिन्न गतिविधियों के विशेषज्ञ आमंत्रित किये जाते हैं जो कैम्पर्स को विभिन कलाओं में परांगत करते हैं और इन कलाओं का प्रदर्शन कैम्प के समापन दिवस पर अभिभावकों और मेहमानों के समक्ष करते हैं। इस वर्ष मुझे इस कैम्प का समापन उत्सव में शरीक होने का अवसर मिला तो मैंने पाया की वास्तव में कुछ ही दिनों में बच्चे इस कैम्प के माध्यम से बहुत कुछ सीखे हैं और सबसे बड़ी बात कि इन दिनों बस उन्हें सीखना ही था आनन्दित होना था न की पढ़ाई लिखाई की कोई चिंता करनी थी।
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प्रधानाचार्या श्रीमती शशी बठला ने संबोधित किया |
विद्यालय की
प्रधानाचार्या श्रीमती शशी बठला, योग्य प्रशिक्षित
फेकल्टी मेम्बर्स व कुशल प्रशिक्षण विशेषज्ञों के आपसी तालमेल से एक बेहतरीन
ज्ञानवर्धक ग्रीष्मकालीन शिविर का आयोजन सम्पन्न हुआ जिसके लिए सभी आयोजक/प्रबंधक बधाई के पात्र हैं जिन्होंने बच्चो और
अभिभावकों का दिल जीत लिया।
आओ जाने कैसे होता है पार्थवी के स्कूल का समर कैम्प (ग्रीष्मकालीन शिविर)
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समापन समारोह में आये अभिभावक |
कुछ देशों में (आमतौर पर) गर्मियों के महीनों में बच्चों और
किशोर-किशोरियों के लिए विशेष निगरानी के अंतर्गत आयोजित किये जाने वाला यह एक
कार्यक्रम होता है। समर कैम्प में शामिल होने वालो को कैम्पर्स के नाम से जाना जाता
है। छुट्टियों का यह महीना बच्चों के लिए विशेष मायने
रखता है। किताबों कापियों के बोझ से थके कंधे कुछ दिनों के लिए मुक्ति की साँस लेते
हैं।
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योगा का प्रदर्शन करते हुए कैम्पर्स |
अब न उन को सुबह उठने की हाय तौबा और न ही स्कूल जाने की समयबद्ध पाबन्दी
होती है। परन्तु दूसरी और उनके माता-पिता ये सोच कर परेशान होते हैं कि इन पूरी
छुटि्टयाँ इन बच्चों को कैसे सम्भाला जाय। विभिन्न प्रकार के कम्प्युटर प्रोग्राम, विडियो
गेम्स, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व आभासी दुनिया के मित्रों
की बढ़ती लोकप्रियता के कारण बालक घर की
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कोरियोग्राफी का प्रदर्शन करते हुए कैम्पर्स |
चार दीवारों में बंध गया है ऐसे में उसे कुछ नया कराने के उद्देश्य
से उन्हें आकर्षित करके इन बाउन्ड्रीज से बाहर समर कैम्पों के
माध्यम से ही निकाला जा सकता है, पिछली पीढ़ियों की
तुलना में आज बच्चों को घर के अंदर ही व्यस्त रखना काफी आसान हो गया है वहां उसे
ज्ञानअर्जन तो हो सकता है परन्तु वहां उसमे व्यवहारिक समाजिकता का
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मंगती आंटी नाटक का प्रदर्शन करते हुए कैम्पर्स |
विकास हो पाना सम्भव नहीं है ये कैम्प आपसी तालमेल और सहयोग की
भावना विकसित करने का सशक्त माध्यम होते है इन कैम्पों का मुख्य उद्देश्य शैक्षिक व सांस्कृतिक विकास होता है।
समर कैम्प के माहौल में बच्चों को एक सुरक्षित व योग्य प्रशिक्षको की निगाहबानी
में जोखिम उठाने का अवसर भी मिलता है जो की घर की चारदीवारी में संभव नहीं होता।
ये ही वो पूर्वनियोजित
कार्यक्रम है जिसे समर कैम्प
(ग्रीष्मकालीन शिविर) के नाम से जाना जाता है।
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एरोबिक्स का प्रदर्शन करते हुए कैम्पर्स |
समर कैम्पों में क्ले मोडलिंग,
ट्रेकिंग, कोरियोग्राफी, नृत्य, पेपर कटिंग व फोल्डिंग, नाटक मंचन, योगा, एरोबिक्स,
क्राफ्ट प्रशिक्षण, व्यक्तित्व विकास, वाचन कला, सिलाई कढ़ाई, गायन,
प्रकृति भ्रमण, बेस्ट आउट आफ दी वेस्ट आदि
विधाओं/कलाओं में परांगत किया जाता है।
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विभिन्न कलाओं का प्रदर्शन करते हुए कैम्पर्स |
गायन, प्रकृति भ्रमण,
बेस्ट आउट आफ दी वेस्ट आदि विधाओं/कलाओं में परांगत किया जाता है। बच्चों को उनकी पसन्द, उनकी हाँबी के अनुसार काम दिया जाता है और
उन्हें करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है । कई तरह के कार्यक्रम के द्वारा
उनके मानसिक, शारीरिक और बौद्धिक चेतना का विकास किया जाता
है।
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पार्थवी ने भी भाग लिया |
उनके पास कई पसन्द के चयन होते हैं जैसे ट्रैकिंग, हाइकिंग, जंगल यात्रा, पर्वतारोहण आदि जिसमें अपनी रुचि के
अनुसार बच्चे भाग ले सकते हैं।
समर
कैम्प में बच्चों में मिलजुल कर रहने की प्रवृत्ति, आपसी सदभाव, सहयोग और भाईचारे की
भावना का विकास होता है।
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अंशवी ने भी भाग लिया |
समर कैम्प में भौतिक सुविधाओं की कमी हो सकती है,
फिर भी वहाँ बच्चों को वह मिलता है
जो उन्हें सजे-सजाए घर में नहीं
मिलता।
आजकल एकल परिवार का जमाना
है,
जिसकी वजह से बच्चों का अस्तित्व
सिमटता जा रहा है।
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अभिभावकों ने भी जम कर विडियोग्राफी की |
मुकन्द लालपब्लिक स्कूल सरोजिनी कालोनी यमुनानगर में आयोजित समर कैम्प (ग्रीष्मकालीन शिविर) उक्त सभी मायनों पर खरा उतरता है मेरा (दर्शन बवेजा) का बहुत मन करता है कि मैं भी किसी गतिविधि या प्रशिक्षण के विशेषज्ञ के रूप में इस आयोजन का हिस्सा बन कर अपने बचपन को फिर से जी सकूं।
पार्थवी के ब्लॉग के लिए अभिभावक की कलम से ............
1 टिप्पणी:
आज की ब्लॉग बुलेटिन बांग्लादेश समझौता :- ब्लॉग बुलेटिन मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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