
बेटियाँ प्यारी मावां नू
माँ को प्यारी बेटी
बेटी को प्यारी माँ
फिर क्यूँ गवानी पड़े
आजन्मी को जाँ
करो बेटिओं का आदर
व पावो उन से प्यार
न पावो उन से छुटकारा
इनसे है घर का श्रृंगार
सही कहा है किसी ने
बेटी नहीं बचावोगे
तो बहु कहा से लावोगे
तो बहु कहा से लावोगे...
2 टिप्पणियां:
बहुत प्यारी और सुन्दर कविता
एक जनसन्देश देती हुई
आपका आभार यह पढवाने के लिये
प्रणाम
बहुत सुन्दर चिट्ठा है आपका॥
आज सारी पोस्ट पढी है।
पहेलियां मजेदार हैं, मगर सभी पर उत्तर आये हुये थे॥
कुछ ऐसा ही एक ब्लॉग मेरी पहेलियां
जो मुझे पसन्द है आप भी देखियेगा, शायद आपको भी अच्छा लगेगा।
प्रणाम स्वीकार करें
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