पार्थवी के स्कूल मे तीसरा रक्तदान शिविर 3rd Blood Donation Camp in Parthvi's School

पार्थवी के स्कूल मे तीसरा रक्तदान शिविर लगा था ....बच्चो मे उत्साह था कि मेरे पापा मेरी मम्मी रक्तदान करेंगे .......मैं भी बेटी के आग्रह को ठुकरा नहीं सका और कर ही डाला रक्तदान ........शायद किसी जरूरतमंद के काम आ जाए। यह आयोजन मुकंदलाल पब्लिक स्कूल में सेठ जयप्रकाश के जन्मदिवस पर हुआ।
सरोजनी कालोनी स्थित मुकंदलाल पब्लिक स्कूल में सेठ जयप्रकाश का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर स्कूल में प्रथम रक्तदान शिविर लगाया गया जिसमे 166 यूनिट रक्त एकत्र किया गया।
स्कूल की प्रधानाचार्य शशि बाटला ने विद्यालय में स्वैच्छिक रक्तदान के लिए बच्चों को प्रेरित किया।
खून की तो फितरत ही है बहना....
नफरत से गलियों मे बहता है.......
लापरवाही से सड़को पर बहता है .......
देशप्रेम से सीमाओं पर बहता है .......
दान देने से गैर की रगो मे बहता है ये खून ........
इसकी फितरत ही बहने की है ........
बहाओ जरूर! मगर वहां, जहां है इसकी जरूरत।
रक्त का शरीर से निकाल कर जरूरतमंद व्यक्ति को देना रक्तदान कहलाता है बशर्ते इसके बदले कोई धन पुरस्कार आदि ना लिया जाए या रक्तदान तब होता है जब एक स्वस्थ व्यक्ति स्वेच्छा से अपना रक्त देता है रक्तदान सही मायनों मे जीवनदान ही है। हमारे द्वारा किया गया रक्त का दान कई लोगो की जान बचाता है। इस बात का अहसास हमें तब होता है जब हमारा कोई अपना खून के लिए जिंदगी और मौत के बीच जूझता है। उस वक्त हम नींद से जागते हैं और उसे बचाने के लिए खून के इंतजाम की जद्दोजहद करते हैं।
देश भर में रक्तदान हेतु नाको, रेडक्रास, पंजीकृत ब्लडबैंक, सेना हस्पताल जैसी कई संस्थाएँ लोगों में रक्तदान के प्रति जागरूकता फैलाने का प्रयास कर रही है परंतु इनके प्रयास तभी सार्थक होंगे, जब हम स्वयं रक्तदान करने के लिए आगे आएँगे और अपने मित्रों व रिश्तेदारों को भी इस हेतु आगे आने के लिए प्रेरित करेंगे।
जीवन बचाने के लिए खून चढाने की जरूरत पडती है। दुर्घटना, रक्तस्त्राव, प्रसवकाल और ऑपरेशन आदि अवसरों में शामिल है,जिनके कारण अत्यधिक खून बह सकता है और इस अवसर पर उन लोगों को खून की आवश्यकता पडती है। थेलेसिमिया, ल्यूकिमिया, हीमोफिलिया जैसे अनेंक रोगों से पीडित व्यक्तियों के शरीर को भी बार-बार रक्त की आवश्यकता रहती है अन्यथा उनका जीवन खतरे में रहता है। जिसके कारण उनको खून चढाना अनिवार्य हो जाता है
स्वैच्छिक रक्तदान में केवल 450 मिलीलीटर रक्त निकाला जाता है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के मुताबिक आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि 450 मिली खून तीन जिन्दगियों को बचा सकता है। सही समय पर रक्त न मिलने की वजह से प्रति वर्ष देश में बहुत सारे जरूरतमंदों की मौत हो जाती है। सड़क दुर्घटना, गर्भावस्था से गुजर रही महिलाएं, बड़ी सर्ज़री वाले मरीज, कैंसर के शिकार व्यक्तियों व थैलीसीमिया के शिकार बच्चों को सुरक्षित रक्त की बेहद आवश्यकता होती है।
रक्त से रक्त अवयवों को अलग कर जरूरतमन्द मरीजों को चढ़ाने से रक्त की बचत होती है, जो इस देश के लिए आवश्यक है । एक यूनिट ब्लड से कई अवयव तैयार किए जा सकते हैं, जैसे- लाल रक्तकणिकाएं, प्लेटलेट्स, प्लाज्मा आदि। किसी मरीज को केवल वही अवयव चढ़ाया जाता है जिसकी उसे जरूरत होती है।
बीएल कपूर मेमोरियल अस्पताल के ट्रांसफ़्यूजन मेडिसीन विभाग की डॉ. रसिका सेतिया के अनुसार स्वैच्छिक रक्तदान से फायदे ही फायदे हैं । उनके अनुसार रक्तदान करके न सिर्फ किसी की ज़ि़न्दगी बचाने जैसी अनमोल खुशी मिलती है बल्कि इससे हमारी सेहत को भी लाभ पहुंचता है।
रक्तदान से यूरिक अम्ल और केलस्ट्रोल की मात्रा भी नियंत्रित रहती है।
आओ प्रतिज्ञा करें कि हम नियमित रक्तदाता बनेंगे।
झलकियां

पार्थवी के स्कूल मे तीसरा रक्तदान शिविर लगा था ....बच्चो मे उत्साह था कि मेरे पापा मेरी मम्मी रक्तदान करेंगे .......मैं भी बेटी के आग्रह को ठुकरा नहीं सका और कर ही डाला रक्तदान ........शायद किसी जरूरतमंद के काम आ जाए। यह आयोजन मुकंदलाल पब्लिक स्कूल में सेठ जयप्रकाश के जन्मदिवस पर हुआ।
बच्चों के अभिभावकों और विद्यालय के पूर्व छात्रों ने इस मेले में भाग लेकर रक्तदान किया। रक्तदान शिविर सुबह नो बजे से शुरू होकर शाम तक चला। मुंकंद लाल शिक्षण संस्थानों के चेयरमैन अशोक कुमार, सेठानी श्यामाजी और उनके परिवार के सदस्यों ने दीप प्रज्वलित किया। विद्यालय के प्रबंधक डॉ. रमेश कुमार और प्रधानाचार्य ने माल्यार्पण किया।
जिसमें बच्चों द्वारा रक्तदान पर स्वरचित कविताएं काफी सराही गई। इसके अतिरिक्त शास्त्रीय नृत्य, समूह गान, भांगड़ा, बच्चों सेठ जयप्रकाश के जीवन और कृतित्व पर प्रकाश, रक्तदान पर लघु नाटिका, गिद्दा, कविता तथा एरोबिक्स आदि का प्रस्तुतीकरण मुख्य रहा।
जिसमें बच्चों द्वारा रक्तदान पर स्वरचित कविताएं काफी सराही गई। इसके अतिरिक्त शास्त्रीय नृत्य, समूह गान, भांगड़ा, बच्चों सेठ जयप्रकाश के जीवन और कृतित्व पर प्रकाश, रक्तदान पर लघु नाटिका, गिद्दा, कविता तथा एरोबिक्स आदि का प्रस्तुतीकरण मुख्य रहा।
मुकंद लाल पब्लिक स्कूल सरोजिनी कालोनी यमुनानगर स्कूल मे लगे इस रक्तदान मेले को देख कर सच मे ऐसा लगा कि ये मेला ही तो है जहां देशभक्ति के गीत, बैशाखी के मेले जैसे गिद्दे-भंगडे, हैल्थ मेले जैसे योगा-एरोबिक्स, कलात्मक कलाकृतियों की प्रदर्शनियां, जोश भर देने वाले भाषण, मेहमानों की आवोभगत ये सब मेला ही तो था जहां अभिभावक और स्कूल एलुमिनी रक्तदान करके बच्चो को सन्देश दे रहे थे कि किसी की जिंदगी बचाने मे अपना योगदान देना सीखो।
इस रक्तदान मेले मे अभिभावकों और पूर्व छात्रों ने रक्तदान किया। सरोजनी कालोनी स्थित मुकंदलाल पब्लिक स्कूल में सेठ जयप्रकाश का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर स्कूल में प्रथम रक्तदान शिविर लगाया गया जिसमे 166 यूनिट रक्त एकत्र किया गया।
स्कूल की प्रधानाचार्य शशि बाटला ने विद्यालय में स्वैच्छिक रक्तदान के लिए बच्चों को प्रेरित किया।
खून की तो फितरत ही है बहना....
नफरत से गलियों मे बहता है.......
लापरवाही से सड़को पर बहता है .......
देशप्रेम से सीमाओं पर बहता है .......
दान देने से गैर की रगो मे बहता है ये खून ........
इसकी फितरत ही बहने की है ........
बहाओ जरूर! मगर वहां, जहां है इसकी जरूरत।
क्यों जरूरी है रक्तदान ?
Darshan Lal Baweja F/O Parthvi Class 4-c
रक्तदान के फायदे
* दिल के रोगों की संभावना कम होती है- यह पाया गया है की खून में लौह तत्व का स्तर बढ़ने पर हृदय रोग की संभावना बढ़ जाती है। नियमित तौर पर रक्तदान करने से फालतू लौह तत्व शरीर से बाहर (खासकर पुरुशों के मामले में) चला जाता है। इस प्रकार हृदयाघात का जोखिम एक तिहाई तक कम हो जाता है।
* नई लाल रक्त कोशिकाओं का उत्पादन बढ़ता है- रक्तदान करने वाले व्यक्ति के शरीर से खून निकल जाने पर लाल रक्त कोशिकाओं में कमी आ जाती है। इनकी पुन: पूर्ति के लिए हमारी मज्जा तुरन्त नई कोशिकाओं के उत्पादन में लग जाती है और इस तरह हमारा खून स्वच्छ व नया हो जाता है।
* कैलोरी घटती है- नियमित तौर पर रक्तदान करके आप फिट रह सकते हैं। 450 मिली रक्तदान करने से आप अपने शरीर की 650 कैलोरी कम कर सकते हैं।
* प्राथमिक रक्त परीक्षण हो जाता है- इन सब फायदों के साथ रक्तदाता के खून का एक छोटा सा परीक्षण (रक्तदान के पूर्व व पश्चात्) भी हो जाता है। इसमें शामिल होते हैं- ऐचआईवी, ऐचबी स्तर की जांच, रक्तचाप, शरीर का वजन आदि।
LOWER IRON LEVELS, REDUCE THE CHANCE OF HEART DISEASES, ENHANCE THE PRODUCTION OF NEW RED BLOOD CELLS, REPLENISH BLOOD HELPS IN FIGHTING HEMOCHROMITOSIS, BURNS CALORIES, BASIC BLOOD TEST IS DONE & REDUCE CANCER RISK
कौन कौन कर सकता है रक्तदान?
*जिसकी आयु 18 से 65 वर्ष के बीच हो।
*जिसका वजन (100 पौंड) 48 किलों से अधिक हो।
*जो क्षय रोग, रतिरोग, पीलिया, मलेरिया, मधुमेंह, एड्स आदि बीमारियों से पीडित नहीं हो।
*जिसने पिछले तीन माह से रक्तदान नहीं किया हो।
*रक्तदाता ने शराब अथवा कोई नशीलीदवा न ली हो।
*गर्भावस्था तथा पूर्णावधि के प्रसव के पश्चात शिशु को दूध पिलाने की 6 माह की अवधि में किसी स्त्री से रक्तदान स्वीकार नहीं किया जाता है।
झलकियां